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Quantum Computing में qubits और superposition तकनीक का उपयोग करता हुआ कंप्यूटर मॉडल।
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Quantum Computing: भविष्य की क्रांतिकारी तकनीक जो बदल रही है दुनिया

परिचय Quantum Computing एक उन्नत कंप्यूटिंग तकनीक है जो क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों पर आधारित है। यह पारंपरिक कंप्यूटर से कहीं अधिक शक्तिशाली और तेज़ है, और जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता रखती है जो आज के सुपरकंप्यूटर के लिए भी चुनौतीपूर्ण हैं। Quantum Computing क्या है? Quantum Computing क्वांटम बिट्स (qubits) का उपयोग करता है, जो 0 और 1 दोनों अवस्थाओं में एक साथ हो सकते हैं (जिसे सुपरपोजीशन कहते हैं)। इसके साथ ही क्वांटम एंटैंगलमेंट जैसी विशेषताओं के कारण ये कंप्यूटर बहुत तेज़ी से डेटा प्रोसेस कर सकते हैं। मुख्य अवधारणाएं Quantum Computing के फायदें वर्तमान स्थिति और भारत में Quantum Computing 2025 में Quantum Computing तेजी से विकसित हो रही है। भारतीय सरकार ने National Quantum Mission शुरू किया है, जिसमें ₹6003.65 करोड़ निवेश के साथ Quantum तकनीक के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में IISc Bengaluru, IIT Bombay, TIFR और अन्य संस्थान रिसर्च कर रहे हैं, और कई Quantum Computing स्टार्टअप्स उभर रहे हैं। उनकी मदद से भारत भी वैश्विक Quantum Computing उद्योग में तेजी से शामिल हो रहा है। Quantum Computing के लिए मांग और संभावनाएं Quantum Computing मार्केट 2024 में $68.7 मिलियन था और 2029 तक $231.8 मिलियन पहुंचने की संभावना है। यह तकनीक साइबर सुरक्षा, बैंकिंग, हेल्थकेयर, और कई अन्य उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। चुनौतियां और भविष्य हालांकि, निवेश, शोध, और व्यावसायिक प्रयास इस तकनीक को तेजी से परिपक्व बना रहे हैं।

NASA Blue Origin Collaboration
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🚀 ब्लू ओरिजिन और NASA का मंगल मिशन –ESCAPADE

दुनिया भर में अंतरिक्ष की खोज को लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियाँ और एजेंसियाँ काम कर रही हैं। इसी कड़ी में NASA (अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी) और Blue Origin (जेफ बेजोस की कंपनी) ने मिलकर एक खास मिशन शुरू किया है, जिसका नाम है – ESCAPADE। ESCAPADE क्या है? ESCAPADE का पूरा नाम है – Escape and Plasma Acceleration and Dynamics Explorers।यह एक छोटा-सा स्पेस मिशन है, जिसमें दो छोटे सैटेलाइट (twin satellites) को मंगल ग्रह की कक्षा (orbit) में भेजा जाएगा। इन सैटेलाइट्स का काम होगा: इसमें Blue Origin की भूमिका Blue Origin इस मिशन को अंतरिक्ष तक ले जाने का काम करेगी। मिशन क्यों खास है? आगे क्या होगा? अगर यह मिशन सफल होता है, तो मंगल पर जीवन के लिए ज़रूरी रिसर्च को और आगे बढ़ाया जाएगा। यह इंसान के मंगल पर कदम रखने की तैयारी का एक छोटा लेकिन मजबूत कदम है।

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ISRO के प्रमुख मिशन: भारत की अंतरिक्ष यात्रा

भारत ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में खासकर अंतरिक्ष अनुसंधान में अद्भुत प्रगति की है। ISRO (Indian Space Research Organisation) ने न केवल देश का नाम रोशन किया है बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान में भारत को वैश्विक पटल पर मज़बूत स्थान दिलाया है। आइए जानते हैं ISRO के कुछ महत्वपूर्ण मिशनों के बारे में: 1. आर्यभट्ट (1975) – पहला भारतीय उपग्रह भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट था, जिसे 19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ से लॉन्च किया गया। यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत थी। 2. SLV-3 और रोहिणी उपग्रह (1980) डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की अगुवाई में भारत ने SLV-3 रॉकेट से रोहिणी उपग्रह लॉन्च किया। यह पहला स्वदेशी प्रयास था। 3. चंद्रयान-1 (2008) भारत का पहला चंद्र मिशन, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज कर पूरी दुनिया को चौंका दिया। 4. मंगलयान (2013) – मंगल ऑर्बिटर मिशन (MOM) भारत एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश बना जिसने मंगल की कक्षा में अंतरिक्ष यान स्थापित किया। 5. चंद्रयान-2 (2019) हालाँकि इसका लैंडर “विक्रम” चंद्रमा की सतह पर सही तरह से उतर नहीं पाया, लेकिन इसका ऑर्बिटर आज भी काम कर रहा है और महत्वपूर्ण डेटा भेज रहा है। 6. चंद्रयान-3 (2023) भारत का ऐतिहासिक मिशन जिसने दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली। 7. गगनयान मिशन (आगामी) यह भारत का मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है। 8. आदित्य-L1 (2023) भारत का पहला सौर मिशन, जो सूर्य के कोरोना और अंतरिक्षीय मौसम का अध्ययन कर रहा है। 9. अन्य उपग्रह मिशन

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