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TikTok भारत में वापसी? सरकार का बयान, सच्चाई और ताज़ा अपडेट | अगस्त 2025
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TikTok वापसी की खबर और अफवाहें

अगस्त 2025 में अचानक सोशल मीडिया और समाचारों में वायरल हुआ कि TikTok भारत में वापस आने वाला है। इसकी वजह थी कि कुछ भारतीय यूज़र्स बिना VPN के टिकटोक की वेबसाइट देख पा रहे थे। इससे लोग मानने लगे कि ऐप फिर से भारत में शुरू होने वाला है। क्या वाकई लौट रहा है TikTok? समाचार एजेंसियों और टेक मीडिया द्वारा जांच में पाया गया कि इस एक्सेस का कारण नेटवर्क स्तर पर गलती थी, न कि TikTok वापसी। सरकार और TikTok कंपनी दोनों ने बयान जारी किया कि टिकटोक अभी भी भारत में बैन है और ऐप ना तो Google Play Store, ना ही App Store पर उपलब्ध है। सरकारी बयान: Ban Yathawat भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय व टिकटोक की मूल कंपनी Bytedance ने स्पष्ट किया कि “किसी भी तरह की अनब्लॉकिंग या वापसी का आदेश नहीं दिया गया है। सोशल मीडिया पर फैली खबरें झूठ और गुमराह करने वाली हैं।” TikTok spokesperson ने भी कहा— “हम भारत सरकार के निर्देश का पालन कर रहे हैं और टिकटोक की सेवाएँ बहाल नहीं हुईं।” TikTok Ban का इतिहास टिकटोक जून 2020 में करीब 59 अन्य चीनी ऐप्स के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र बैन किया गया था। प्रमुख कारण थे: तब भारत में TikTok के करीब 200 मिलियन यूज़र्स थे और यह भारत का सबसे पॉपुलर शॉर्ट वीडियो प्लेटफार्म था। तकनीकी पहलू: वेबसाइट एक्सेस कैसे हुआ? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जुलाई-अगस्त 2025 में, कुछ इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा नेटवर्क पैचिंग या तकनीकी गलती के कारण टिकटोक का होमपेज कुछ भारतीय यूज़र्स के लिए खुल गया। हालाँकि, लॉगिन पॉसिबल नहीं था और वेबसाइट के अन्य हिस्से बंद थे। पिछली बार भी 2022 में ऐसा हुआ था जब अस्थायी रूप से कुछ यूज़र्स को TikTok दिखा था, जिसे बाद में ठीक कर लिया गया। सोशल मीडिया पर गलतफहमी और हलचल लेकिन जैसे ही TikTok वेबसाइट खुलने की खबर फैली, कई यूट्यूब चैनल, व्हाट्सऐप ग्रुप और न्यूज़ प्लेटफार्म पर दावा किया गया कि TikTok भारत में लौटने वाला है। कई कंटेंट क्रिएटर्स ने तो टिप्स, अपडेट्स और टिकटोक लौटने की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन सच यही है कि TikTok पाने का कोई वैकल्पिक या वैध तरीका अभी भारत में नहीं है और यह पूरी तरह से बंद बना हुआ है। भविष्य की संभावनाएँ आज के हालात में TikTok का भारत में फिर से शुरू होना न के बराबर है—कंपनी बाइटडांस और सरकार के बीच बात तो कई बार हुई, लेकिन डेटा सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया। दूसरी ओर, चीन-भारत संबंधों के कुछ सुधरने से Shein, Xender जैसे कुछ ऐप्स ने rebrand या नई शर्तों पर वापसी की है, लेकिन TikTok फिलहाल लिस्ट में नहीं है।

Travis Head celebrating his seventh ODI century with teammates
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Travis Head का सातवां ODI शतक: महत्वपूर्ण आँकड़े और अद्भुत प्रदर्शन

ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज ट्रैविस हेड ने हाल ही में अपने क्रिकेट करियर में एक और महत्वपूर्ण माइलस्टोन हासिल किया है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए ताजातरीन तीसरे ODI मैच में अपना सातवां शतक पूरा किया। इस शानदार पारी के साथ ही हेड ने कुल 2,900 से अधिक रन बनाए हैं और अपने बल्लेबाजी औसत को 43 से ऊपर बनाए रखा है, जो दर्शाता है कि वह वर्तमान क्रिकेट में एक स्थिर और भरोसेमंद बल्लेबाज हैं। ट्रैविस हेड की यह पारी क्यों महत्वपूर्ण है? बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान ट्रैविस हेड मात्र बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक शानदार ऑलराउंडर भी हैं। हाल के मैचों में उन्होंने गेंदबाजी के दौरान भी तालमेल दिखाया है, और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस सीरीज में कई विकेट लिए हैं। उनका मध्यम गति का ऑफ़ स्पिन गेंदबाजी में चार विकेट भी इस सीरीज में शामिल हैं। इस वजह से ट्रैविस हेड टीम के लिए एक बहुमुखी खिलाड़ी साबित हो रहे हैं। टीम के लिए ट्रैविस हेड का महत्व

Quantum Computing में qubits और superposition तकनीक का उपयोग करता हुआ कंप्यूटर मॉडल।
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Quantum Computing: भविष्य की क्रांतिकारी तकनीक जो बदल रही है दुनिया

परिचय Quantum Computing एक उन्नत कंप्यूटिंग तकनीक है जो क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों पर आधारित है। यह पारंपरिक कंप्यूटर से कहीं अधिक शक्तिशाली और तेज़ है, और जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता रखती है जो आज के सुपरकंप्यूटर के लिए भी चुनौतीपूर्ण हैं। Quantum Computing क्या है? Quantum Computing क्वांटम बिट्स (qubits) का उपयोग करता है, जो 0 और 1 दोनों अवस्थाओं में एक साथ हो सकते हैं (जिसे सुपरपोजीशन कहते हैं)। इसके साथ ही क्वांटम एंटैंगलमेंट जैसी विशेषताओं के कारण ये कंप्यूटर बहुत तेज़ी से डेटा प्रोसेस कर सकते हैं। मुख्य अवधारणाएं Quantum Computing के फायदें वर्तमान स्थिति और भारत में Quantum Computing 2025 में Quantum Computing तेजी से विकसित हो रही है। भारतीय सरकार ने National Quantum Mission शुरू किया है, जिसमें ₹6003.65 करोड़ निवेश के साथ Quantum तकनीक के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में IISc Bengaluru, IIT Bombay, TIFR और अन्य संस्थान रिसर्च कर रहे हैं, और कई Quantum Computing स्टार्टअप्स उभर रहे हैं। उनकी मदद से भारत भी वैश्विक Quantum Computing उद्योग में तेजी से शामिल हो रहा है। Quantum Computing के लिए मांग और संभावनाएं Quantum Computing मार्केट 2024 में $68.7 मिलियन था और 2029 तक $231.8 मिलियन पहुंचने की संभावना है। यह तकनीक साइबर सुरक्षा, बैंकिंग, हेल्थकेयर, और कई अन्य उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। चुनौतियां और भविष्य हालांकि, निवेश, शोध, और व्यावसायिक प्रयास इस तकनीक को तेजी से परिपक्व बना रहे हैं।

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2025 | PM Kisan Yojana पूरी जानकारी
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PM-KISAN योजना क्या है?

PM-KISAN योजना भारत सरकार की एक महत्त्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देना है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल ₹6000 की वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खाते में तीन बराबर किश्तों (₹2000 प्रति किश्त) के रूप में दी जाती है। इससे किसानों को अपनी खेती और दैनिक जरूरतों के लिए आर्थिक मदद मिलती है। योजना की मुख्य विशेषताएँ: PM-KISAN के लिए कौन पात्र हैं? आवेदन भरने का फॉर्म और लिंक आवेदन की स्थिति कैसे चेक करें? महत्वपूर्ण टिप्स: आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर: IS pure government scheme ko ap adhikarik website par bhi check kar sakte hai jisme puri jankari di hui hai https://pmkisan.gov.in

NASA Blue Origin Collaboration
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🚀 ब्लू ओरिजिन और NASA का मंगल मिशन –ESCAPADE

दुनिया भर में अंतरिक्ष की खोज को लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियाँ और एजेंसियाँ काम कर रही हैं। इसी कड़ी में NASA (अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी) और Blue Origin (जेफ बेजोस की कंपनी) ने मिलकर एक खास मिशन शुरू किया है, जिसका नाम है – ESCAPADE। ESCAPADE क्या है? ESCAPADE का पूरा नाम है – Escape and Plasma Acceleration and Dynamics Explorers।यह एक छोटा-सा स्पेस मिशन है, जिसमें दो छोटे सैटेलाइट (twin satellites) को मंगल ग्रह की कक्षा (orbit) में भेजा जाएगा। इन सैटेलाइट्स का काम होगा: इसमें Blue Origin की भूमिका Blue Origin इस मिशन को अंतरिक्ष तक ले जाने का काम करेगी। मिशन क्यों खास है? आगे क्या होगा? अगर यह मिशन सफल होता है, तो मंगल पर जीवन के लिए ज़रूरी रिसर्च को और आगे बढ़ाया जाएगा। यह इंसान के मंगल पर कदम रखने की तैयारी का एक छोटा लेकिन मजबूत कदम है।

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ISRO के प्रमुख मिशन: भारत की अंतरिक्ष यात्रा

भारत ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में खासकर अंतरिक्ष अनुसंधान में अद्भुत प्रगति की है। ISRO (Indian Space Research Organisation) ने न केवल देश का नाम रोशन किया है बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान में भारत को वैश्विक पटल पर मज़बूत स्थान दिलाया है। आइए जानते हैं ISRO के कुछ महत्वपूर्ण मिशनों के बारे में: 1. आर्यभट्ट (1975) – पहला भारतीय उपग्रह भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट था, जिसे 19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ से लॉन्च किया गया। यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत थी। 2. SLV-3 और रोहिणी उपग्रह (1980) डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की अगुवाई में भारत ने SLV-3 रॉकेट से रोहिणी उपग्रह लॉन्च किया। यह पहला स्वदेशी प्रयास था। 3. चंद्रयान-1 (2008) भारत का पहला चंद्र मिशन, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज कर पूरी दुनिया को चौंका दिया। 4. मंगलयान (2013) – मंगल ऑर्बिटर मिशन (MOM) भारत एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश बना जिसने मंगल की कक्षा में अंतरिक्ष यान स्थापित किया। 5. चंद्रयान-2 (2019) हालाँकि इसका लैंडर “विक्रम” चंद्रमा की सतह पर सही तरह से उतर नहीं पाया, लेकिन इसका ऑर्बिटर आज भी काम कर रहा है और महत्वपूर्ण डेटा भेज रहा है। 6. चंद्रयान-3 (2023) भारत का ऐतिहासिक मिशन जिसने दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली। 7. गगनयान मिशन (आगामी) यह भारत का मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है। 8. आदित्य-L1 (2023) भारत का पहला सौर मिशन, जो सूर्य के कोरोना और अंतरिक्षीय मौसम का अध्ययन कर रहा है। 9. अन्य उपग्रह मिशन

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नालंदा: भारत की ज्ञानभूमि का गौरव

नालंदा, बिहार राज्य के नालंदा ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है, जो प्राचीन काल में शिक्षा, संस्कृति और बौद्ध दर्शन का विश्वविख्यात केंद्र रहा है। यह स्थल न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में अपनी ज्ञान परंपरा के लिए जाना जाता है। 📚 नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी में कुमारगुप्त प्रथम के शासनकाल में की गई थी। यह विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म के महायान शाखा का प्रमुख शिक्षा केंद्र था, जहाँ दुनिया भर से विद्यार्थी अध्ययन करने आते थे – विशेषकर चीन, तिब्बत, कोरिया और मंगोलिया से। यहां लगभग 10,000 छात्र और 2,000 शिक्षक एक साथ निवास करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय केवल बौद्ध धर्म ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद, गणित, ज्योतिष, चिकित्सा, व्याकरण और तर्कशास्त्र जैसे विषयों में भी शिक्षा प्रदान करता था। 🔥 विनाश और पुनर्जागरण 12वीं शताब्दी में बख़्तियार खिलजी के आक्रमण के दौरान इस महान विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया गया। कहा जाता है कि यहां की विशाल पुस्तकालय में महीनों तक आग जलती रही क्योंकि उसमें हज़ारों बहुमूल्य हस्तलिखित ग्रंथ मौजूद थे। 21वीं सदी में भारत सरकार ने इसे फिर से जीवंत किया। 2006 में “नालंदा विश्वविद्यालय” के पुनर्निर्माण की योजना शुरू हुई और अब यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित एक आधुनिक विश्वविद्यालय बन चुका है। 🏛️ नालंदा के दर्शनीय स्थल 🧭 कैसे पहुँचें नालंदा? नालंदा, बिहार की राजधानी पटना से लगभग 95 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन राजगीर है और निकटतम हवाई अड्डा पटना एयरपोर्ट है। यहाँ सड़क मार्ग से भी आसानी से पहुँचा जा सकता है। 🌟 ब्लॉगर के लिए खास टिप्स ✨ नालंदा – ज्ञान की अमिट ज्योति नालंदा केवल ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि भारत की उस ज्ञान परंपरा का प्रतीक है जिसने पूरी दुनिया को शिक्षित किया। यह हमारे अतीत की समृद्धि और वर्तमान की संभावनाओं का एक शानदार संगम है।

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गोलघर: अन्न भंडारण का प्रतीक और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण

के लिए प्रसिद्ध है। यह इमारत न केवल स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि ब्रिटिश कालीन भारत की नीतियों और चुनौतियों की भी एक झलक पेश करती है।  गोलघर का निर्माण – अकाल की पृष्ठभूमि में गोलघर का निर्माण ब्रिटिश अधिकारी कैप्टन जॉन गार्स्टिन ने करवाया था। इसका निर्माण कार्य 1786 में पूरा हुआ, जिसका उद्देश्य अन्न भंडारण करना था।उस समय 1770 के भयंकर बंगाल अकाल के कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस त्रासदी के बाद ब्रिटिश सरकार ने फैसला लिया कि भविष्य में खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए एक बड़ा गोदाम बनाया जाए — और इसी से गोलघर की नींव पड़ी।  गोलघर की विशेषताएँ एक रोचक तथ्य गोलघर की बनावट ऐसी है कि जब इसे बनाया गया, तब इसके दरवाजे को अंदर की ओर खुलने वाला बनाया गया। एक बार यह पूरी तरह भर जाने पर दरवाजा बंद हो गया और फिर अंदर से अनाज नहीं निकाला जा सका — यह ब्रिटिश इंजीनियरिंग की एक बड़ी भूल मानी जाती है।  आज का गोलघर – पर्यटन और विरासत स्थल वर्तमान में गोलघर पटना का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। पर्यटक इसकी सीढ़ियाँ चढ़कर गंगा नदी और पटना शहर का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। इसके पास बना पार्क और शाम को होने वाला लाइट एंड साउंड शो इसे और भी आकर्षक बनाता है।  ब्लॉगिंग विचार गोलघर – इतिहास, वास्तुकला और सीख का संगम गोलघर सिर्फ ईंट और पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि यह उस दौर की कहानी है जब एक त्रासदी ने प्रशासन को सीख दी और एक अद्वितीय संरचना बनी। आज यह पटना की पहचान बन चुका है — जहाँ इतिहास, तकनीक और पर्यटन एक साथ सांस लेते हैं।

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