
परिचय
Quantum Computing एक उन्नत कंप्यूटिंग तकनीक है जो क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों पर आधारित है। यह पारंपरिक कंप्यूटर से कहीं अधिक शक्तिशाली और तेज़ है, और जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता रखती है जो आज के सुपरकंप्यूटर के लिए भी चुनौतीपूर्ण हैं।
Quantum Computing क्या है?
Quantum Computing क्वांटम बिट्स (qubits) का उपयोग करता है, जो 0 और 1 दोनों अवस्थाओं में एक साथ हो सकते हैं (जिसे सुपरपोजीशन कहते हैं)। इसके साथ ही क्वांटम एंटैंगलमेंट जैसी विशेषताओं के कारण ये कंप्यूटर बहुत तेज़ी से डेटा प्रोसेस कर सकते हैं।
मुख्य अवधारणाएं
- Qubit: पारंपरिक बिट की जगह क्वांटम बिट का उपयोग होता है, जो कई अवस्थाओं में हो सकता है।
- सुपरपोजीशन: एक क्वांटम सिस्टम एक समय में कई अवस्थाओं में रह सकता है।
- एंटैंगलमेंट (Entanglement): दो या ज्यादा qubits एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, जिससे डेटा प्रोसेसिंग में क्रांतिकारी बदलाव आता है।
Quantum Computing के फायदें
- जटिल गणनाओं को अभूतपूर्व गति से सुलझाना।
- क्रिप्टोग्राफी में नए, सुरक्षित तरीके।
- दवा खोज, सामग्री विज्ञान, और क्लाइमेट मॉडलिंग जैसे क्षेत्रों में अनोखी खोज।
- मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में क्रांतिकारी सुधार।
वर्तमान स्थिति और भारत में Quantum Computing
2025 में Quantum Computing तेजी से विकसित हो रही है। भारतीय सरकार ने National Quantum Mission शुरू किया है, जिसमें ₹6003.65 करोड़ निवेश के साथ Quantum तकनीक के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भारत में IISc Bengaluru, IIT Bombay, TIFR और अन्य संस्थान रिसर्च कर रहे हैं, और कई Quantum Computing स्टार्टअप्स उभर रहे हैं। उनकी मदद से भारत भी वैश्विक Quantum Computing उद्योग में तेजी से शामिल हो रहा है।
Quantum Computing के लिए मांग और संभावनाएं
Quantum Computing मार्केट 2024 में $68.7 मिलियन था और 2029 तक $231.8 मिलियन पहुंचने की संभावना है। यह तकनीक साइबर सुरक्षा, बैंकिंग, हेल्थकेयर, और कई अन्य उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है।
चुनौतियां और भविष्य
- क्वांटम हार्डवेयर में सुधार की आवश्यकता।
- क्वांटम सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम की जटिलता।
- विशेषज्ञों और प्रशिक्षित कर्मियों की कमी।
हालांकि, निवेश, शोध, और व्यावसायिक प्रयास इस तकनीक को तेजी से परिपक्व बना रहे हैं।